LITTLE KNOWN FACTS ABOUT MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉले??

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के आगमन भारत के लिए मोहनदास करमचंद गांधी

भारतीय विश्वविद्यालयों के इतिहास के विद्यार्थियों के लिये स्नातक उपाधि पाठ्यक्रम पर आधारित पुस्तक

लॉर्ड कैनिंग को वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था

पू. की दूसरी शताब्दी में पतंजलि ने अष्टाध्यायी पर महाभाष्य लिखा। यास्क ने निरुक्त (ई.पू. पाँचवीं शताब्दी) की रचना की, जिसमें वैदिक शब्दों की व्युत्पत्ति का विवेचन है। वेदों में अनेक छंदों का प्रयोग किया गया है।

लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स ने गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया

मुग़ल काल के पतन से लेकर भारत की आजादी तक और वर्तमान को आधुनिक भारत की श्रेणी में रखा गया है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये भारत में संघर्ष प्रारंभ हो गए थे। इस समयकाल ने आंदोलन, क्रांति, विरोध को जन्म दिया। 

गुप्त साम्राज्य की शुरुआत किसने और कब की?

होम रूल लीग की स्थापना तिलक read more और एनी बेसेंट ने की थी

बुर्जहोम (कश्मीर), गुफकराल (कश्मीर), मेहरगढ़ (पाकिस्तान), चिरांद (बिहार), दाओजली हैडिंग (त्रिपुरा/असम), कोल्डिहवा (यूपी),

शेरशाह द्वारा सूर साम्राज्य की स्थापना

निजी अभिलेख प्रायः मंदिरों में या मूर्तियों पर उत्कीर्ण हैं। इन पर खुदी हुई तिथियों से मंदिर-निर्माण या मूर्ति-प्रतिष्ठापन के समय का ज्ञान होता है। इसके अलावा यवन राजदूत हेलियोडोरस का बेसनगर (विदिशा) से प्राप्त गरुड़ स्तंभ लेख, वाराह प्रतिमा पर एरण (मध्य प्रदेश) से प्राप्त हूण राजा तोरमाण के लेख जैसे अभिलेख भी इतिहास-निर्माण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। इन अभिलेखों से मूर्तिकला और वास्तुकला के विकास पर प्रकाश पड़ता है और तत्कालीन धार्मिक जीवन का ज्ञान होता है।

नंद साम्राज्य के शासक महापद्म-नंद और धन-नंद थे।

छत्रपति शिवाजी – संघर्ष एवं उपलब्धियाँ

जैन और बुद्ध धर्म के विकास में मगध ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और साथ ही भारत के दो महान साम्राज्य मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन साम्राज्यों ने ही प्राचीन भारत में विज्ञान, गणित, धर्म, दर्शनशास्त्र और खगोलशास्त्र के विकास पर जोर दिया। इन साम्राज्यों का शासनकाल भारत में “स्वर्ण युग” के नाम से भी जाना जाता है।

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